''राजनीती के महानायक है ''अटल जी ''......अंकुर मिश्र''युगल''



1924 में जब अटल जी का जन्म हुआ था तब स्वाधीनता संग्राम अपने चरम पर था !
उसी माहौल में पले बढे अटल जी का स्वाभाव अत्यंत सरल है, वे मृदुभाषी होने के साथ साथ कुशल समाज सेवक भी है !
जब 1957 में उन्होंने संसद भवन में प्रवेश किया तब किसी ने सोचा भी नहीं था की यही सथारण नेता देश का अभिनेता बनाकर उभरेगा !उन्होंने लगातार सतत परिश्रम एवं निरंतरता के दम पर 7 बार लोक सभा सदस्य बनकर देश में एक रिकार्ड स्थापित किया ,उन्होंने पहली बार देश को गैर कांग्रेसी सरकार दी ,संयुक्त राष्ट्र सघ में राष्ट्र भाषा हिंदी को उदीयमान किया ,कारगिल जैसे विशाल युध्ध को शांति पूर्वक निपटाया, देश के दो बार प्रधानमंत्री बनकर देश को कुशल विकाश दिया जो एतिहासिक है !वो एक राजनेता के साथ महान कवि भी है जो देश की समस्याओ के ऊपर अपने कवित्व को प्रदर्शित करते है !इन्ही महान गुणों के कारन आज वो राजनीती के महानायक बन चुके है उनके जैसा जीवन निर्वाह करने वाला न आज तक हुआ है और न ही भविष्य में होगा !
राष्ट्रपति श्री कलम सर कहते है की ''श्री अटल जी भारतीय राजनीती की परिभाषा बन चुके है जिस दिन इस सूर्य का अस्त हुआ उस दिन भारतीय राजनीती अपठनीय हो जाएगी''

उनका मुख्या हथियार शालीनता है जो आज के नेताओ से कोशो दूर है आज तो आरोप प्रत्यारोप ही राजनेताओ का मुख्य हथियार बन चुके है ! वो कड़वी से कड़वी बात अपनी शालीनता से मानव लेते थे !
पूर्व प्रधानमंत्री श्री मती इंदिरा गाँधी भी उनकी इश शालीनता के कारन उनका सम्मान करती थी !
आपने ठीक समय में राजनीती से सन्याश लेकर एक महान व्यक्तित्व का परिचय दिया है !
आज ऐसे ही प्रधानमंत्री,कुशल समाज सेवक,कुशल वक्ता,महान कवि और एक भारतीय ने अपने ८५ वर्ष पूर्ण कर लिए है आपको ज्ञात हो की २५ दिसंबर का दिन एक महान दिन मन जाता है क्योकि इसी दिन ईशा मशीह जी का अवतरण हुआ था , इसी दिन महान वैज्ञानिक आइन्स्टीन जी का जन्म हुआ था ,जो अपने आप में अदिउतीय है !
तो हम श्री अटल जी के ८५वे जन्मदिन पर हार्दिक सुभ्कम्नाओ के साथ इश्वर से प्रार्थना करते है की अटल जी को दीर्घायु प्राप्त हो जिससे भरतीय राजनीती पर आपकी छत्रछाया हमेशा बनी रहे !

अब ''अफसरों'' का फैसला करेगे राजनेता ..अंकुर मिश्र ''युगल''


श्री पि.चिदंबरम द्वारा दी गयी टिपण्णी की ''अब ५० वर्ष पुरे कर चुके I.A.S. , I.P.S. ,I.F.S. अधिकारियो के कामकाज की समीक्षा की जाएगी '' क्या सही है ! कार्यकाल तो सभी का देखना चाहिए पर इसमे उम्र का व्यधान क्यों! कामकाज की समीक्षा तो अतिआवश्यक है पर नियुक्ति के समय से ही ,यदि उम्र का सवाल है तो मै चाहता हू की आधुनिक राजनीती में सबसे पहले बदलाव होने चाहिए और उसकी समीक्षा की आवश्यकता पहले है ! हमारी राजनीती में अनेक ऐसे लोगो को जगह दी गयी है जो इस के बिलकुल काबिल नहीं है ,तमाम को तो केन्द्रीय मंत्री ,राज्यमंत्री व तमाम पद दिए गए है जो अत्यंत शर्मकार है !तो श्री चिदंबरम जी आपका मतलब है की आप उन नेताओ के जरिये उन अधिकारियो की समीक्षा करायेगे जिनमे जमीं असमान का फर्क है !
मानते है हमारा देश लोकतांत्रिक है पर इतना ज्यादा लोकतात्रिक भी मत बनाइये की यहाँ प्रशासन नाम का अश्तित्व ही न बचे ! पहले ही उन अधिकारियो का ''तबादला'' आप लोग अपने मनमाफिक जगह करके उन्हें अपना पुतला बनाये हुए है अब और ज्यदिती न करे तो अच्छा ही होगा !
हमें चाहिए की की प्रशासनिक अधिकारियो के कामकाज में राजनेताओ का दखल समाप्त कर उनके लिए उनके ही आयोग के नियमो को लागु करना चाहिए जो उनके लिए एवं भारतीयों के लिए हितकारी है !
तो आप जैसे महान नेताओ से गुजारिश है की आप लोग कृपया प्रशासन को इतना कमजोर न बनाये की वो अपने कामो को करने के लिए भी डरे और अपने पद का अश्तित्व भूलकर वह उस जनता को भूलकर ,(जिसके लिए वह आया है और जिसने आपको यह पद दिया है) आपका कतपुतला बनकर आपकी सेवा में ही जुट जाये और देश एवं जनता को भूल ही जाये!
आशा है आप यह बाते मजाक में नहीं लेगे!

ओ किसान भगवान................


यह कविता मेरे पूज्यनीय बाबा
*****(श्री श्री धर मिश्र , तहसीलदार )******
द्वारा लिखित है जो आज इस दुनिया में नहीं है,
उनकी पुस्तक ****''मेरा संग्रह''**** में महान कविताओ का संग्रह है!
चूँकि वो एक राजस्व विभाग के अधिकारी थे अतः उन्होंने किसानो एवं जनता का कास्ट नजदीक से देखा है !
इस कविता में उन्होंने किसानो की दशा का वर्णन किया है.


ओ किसान भगवान ....ओ किसान भगवान.....
जगत के प्राण,
की भूत के प्राण,
किन्तु हा सुना हुआ जग विधान,
तुम्ही से निर्मित जग नादान,
पल्लवित करने वाला आप(water),
की पुश्पिर करने वाला ताप(Temp)
आज देखा जाता बल-हीन,
ओज से रहित,
रोग से ग्रसित,
वही मधुमास,
वही रसराज,
भरा था सौरभ का भंडार,
बड़ी मतवाली मस्ती से जिसकी,
लहराती हस्ती से जिसकी,
छोटी से छोटी गलियों ने,
बेशुध, भूली सी कलियों ने,
हर दल दल हर पट पट ने,
मानव के अप्रताप ताप ने,
पाया था संयोग ,विरह का-,
किन्तु वही मधुमास
की जिसके पीछे था पतझड़,
की जिसका अनुचर रहता नाश,
आज तांडव सा करता नृत्य,
बना मालिक बैठा है मृत्य,
आज क्यों शक्तिहीन बलवान,
ओ किसान भगवान ....ओ किसान भगवान.....

जो घटना ६ दिसंबर १९९१ को हुई थी उसका परिणाम निकलना ही चाहिए!...........


भारत के कानून को बहुत ही ढीला माना जाता है! यहाँ कोई भी गैर क़ानूनी मामला होने के बाद उसके न्याय दिलाने में शादियाँ लग जाती है! लेकिन लिब्रहान आयोग (Indian Goverment) ने अपनी रिपोर्ट को पेश करने में बहुत ही जल्वाजी दिखाई और ise समय se pahle hi ,जो हिन्दू और मुशलमानो को ladane की nai टेक्निक हो सकती है और अपना वोट बैंक बढ़ने की नई सोची समझी शाजिश !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!1
अरे विदेशी आक्रमण करे और वो हजारो भारतीयों को बलि क बकरा बनाये इससे कोई मतलब नहीं है! उन महान भारतीयों को मात्र शहीदों की श्रेणी में डालकर ,उनकी फोटो दीवाल में लगाकर चार आशुं बहाकर चार दिन में भूल जाते है, और कहते है की वो महान थे उन्होंने हमारे लिए अपनी भी नहीं सोची अरे वो तो महान थे ही इसको बताने की कोई जरुरत नहीं है उन्होंने तो इसे खुद दिखा दिया! अब बारी आपकी है उनके बलिदान को खाली मत जाने दीजिये उन्होंने जिसे को खत्म करने की कोशिश की थी उसे आप जड़ से ख़त्म कर दीजिये, जो आपको महान बनाएगी ! आज अयोध्या कांड को १८ साल होने को है वहां आज तक पता नहीं चल पाया की मंदिर था या मस्जिद अरे पता भी कैसे चलेगा क्योकि उसको बनाने वाला तो अब रहा नहीं पर जो घटना ६ दिसंबर १९९१ को हुई थी उसका परिणाम निकलना ही चाहिए! वहां हजारो राम भक्त कारसेवको ने अपनी बलि di थी उस बलि क परिणाम निकलना hi चाहिए!यह mai इसलिए नहीं कह रहा ki हमारा देश हिन्दू राष्ट्र है और एक हिन्दू राष्ट्र में प्रथम प्राथमिकता हिन्दुओ को मिलनी चाहिए, बल्कि हम जिस इतिहास को मानते है ये वो इतिहास कहता है ki मंदिर vahi था आज की सरकार तो अपनी वोटो की संख्या बढ़ने के फेर में कोई परिणाम देने में सक्सगाम है नहीं उसे खतरा है ki यदि मैंने हिन्दुओ के लिए मंदिर के आदेश दिए तो मुस्लिम वोट चले जायेगे और यदि हिन्दुओ को मना किया तो हिन्दू वोट चले जायेगे !अतः हमारी आज की सरकार से कुछ नहीं होने वाला मंदिर ko बनवाने में जो सरकार सक्षम थी vo aj विपक्ष me hai!!!!!!!!!!!!!!!!!
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