Sorry !! आपकी यह वास्तविकता थोड़ी कड़वी है : अंकुर मिश्र “युगल”

दिल्ली (एन.सी.आर.) के कालेजो की प्रसिद्धि और मान्यता तो विश्व्प्रसिध्ध है, लेकिन वास्तविकता कुछ और भी हो सकती है ऐसा सोचना “गलत” तो नहीं अपितु सत्यता से ज्यादा सत्य होगा ! अधिकतर कालेज शिक्षा के लिए नहीं बल्कि केवल “डिग्री” के लिए खुले हुए है जिनका काम केवल “डिग्री” देना ही है, विभिन्न प्रदेशो से आने वाले वाले छात्र-छात्राओं को लुभाने के अनेक लाजबाब तरीको का उपयोग कैसे करते है कोई अच्छी तरह से सीख सकते है ! स्ववित्तपोषी कालेजो के मालिकों का मलिकानापन कालेज में हमेशा झलकता है ! विशाल इमारतों को सुंदरता के पलड़े में बैठाकर कालेजो को जिस तरह प्रस्तुत किया जाता है उसमे यही झलकता है “सुंदरता की इससे अच्छी कोई दूसरी ईमारत हो ही नहीं सकती” ! लेकिन अंदर के खोखलेपन का अनुभव होने पर जिस अनुभव की अनुभूति होती है वास्तव में अतुन्नीय होती है ! वैसे वास्तविकता तो ये भी है शिक्षा और अशिक्षा प्राप्त करने आने वाले छात्रों के प्रतिशत भी ५०-५० ही होता है ! परन्तु कालेज किन ५०% छात्रों के साथ चल रहा है इसका अनुभव कोई अपनी पूरी डिग्री में नहीं कर सकता ! भारत में “इंजिनीरिंग” सबसे अतुलनीय “डिग्री” मणि जाती है इसलिए सभी का सपना होता है “इंजिनियर” बनना, इसलिए घर से किसी भी तरह इंजीनियरिंग के द्वार में प्रवेश कर ही जाते है फिर वो कोई भी कालेज हो ! यही कहानी है दिल्ली (एन.सी.आर.) के कालेजो की जहां विद्यार्थी इसलिए आते है की ये भारत का तकनिकी केंद्र है ! यहाँ के विश्वविद्यालयो से डिग्री करने के बाद “बेरोजगारी” जैसे शब्दों का सुनना समाप्त हो जायेगा ! लेकिन 100% Placement”.. Guarantee..
“TAG” वाले कालेजो की वास्तविकता क्या होती है यहाँ ही पता चलता है ! यहाँ हजार से ऊपर कालेज निर्मित है जिनमे लाखो की संख्या में विद्यार्थी अपना जीवन बनाने का प्रयास कर रहे है ! तकनिकी , मैनेजमेंट, फार्मेसी एवं अन्य अनेक कोर्सो में लोग रोजगार पाने की कोशिश कर रहे है ! और इसमें सफलता भी पा रहे है लेकिन असफलता का प्रतिशत कुछ ज्यादा ही है !
आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ???
एक छात्र/क्षात्रा लाखो की संपत्ति खर्च करके यहाँ व्यावसायिक शिक्षा के लिए आता है लेकिन उस पर क्या बिताती है जब वो कोर्स समाप्ति के बाद अपने को उस स्थिति से भी बुरा पता है जहाँ से वो आया था !!
आखिर इसका जिम्मेदार कौन ??
यहाँ उन छात्रों की बात भी नहीं जिनकी शैक्षिक-स्थिति सही नहीं लेकिन उनका जिम्मेदार कौन जिनको
100% Placement”.. Guarantee.. के “TAG” के बव्जूओद कालेज रोजगार नहीं दिला पा रहा !!
और उसके लिए जिम्मेदार कौन है जिन्हें इस विशाल “IT-Hub” के बावजूद नौकरी के लिए बाहर जाना पड़ता है !!
जिम्मेदार कोई भी हो (सरकार, कालेज-मैनेजमेंट ....या और कोई ) लेकिन नुकसान उस छात्र/छात्रा का ही होना है , जो देश का भविष्य हो सकता है !!