एक जवान देश के लिए कभी अकेला नहीं मरता...

देश, दिशा और दशा हर जगह एक फौजी होता है, 
मरने के बाद शहीद होता है ! 
मगर उसके लिए हम आप क्या करते है ? सिनेमा घर में राष्ट्र गान के समय याद कर लिया, या फिर १५ अगस्त और २६ जनवरी को याद कर लिया या कारगिल दिवस और शहीद दिवस में याद कर लिया ! हमारे लिए वो सैनिक बस एक कैलेण्डर की तारीख में कैद है ! आजकल कुछ लोग फेसबुक और अन्य सोसिल साइट्स के जरिये उन्हें देख लेते है ! मगर ये जोस स्थायी समय के लिए होता है ! कुछ घंटो के लिए या फिर कुछ चुनदा तारीखों के लिए, उसके बाद जोश ठंडा पद जाता है और उस सैनिक को भूल जाते है !
खैर जाने दीजिये उस -४० डिग्री में खड़े सैनिक की बहादुरी की तुलना तो क्या, कोई उस पर प्रश्न भी नहीं उठा सकता ! जान की बाजी लगाता है वो सैनिक !

मै हमेशा उनको अलग देखता हूँ, सरहद पर वो सैनिक अकेला नहीं दिखता मुझे उसके साथ दूर गाँव के एक माँ होती है जिसे हमेशा गर्व के साथ डर होता है, एक बीवी होती है जो ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं होती फिर भी अपने बच्चो को पढने स्कूल भेजती है , एक पिता होता है जिसे गर्व होता है और पूरे गाँव में बताता है !
सरहद पर खड़ा वो सैनिक और उसका परिवार किसी एक गाँव के छोटे से लोग होते है मगर सबसे अलग ! इनकी कहानिया कही नहीं छपती, ये कभी टीवी पर नहीं दिखते ! इन लोगो को कभी देश प्रेम जगाने के लिए सिनेमा घर जाने की जरुरत नहीं पड़ती, ये तो देश के लिए रोज, हर पल मरने को तैयार रहते है ! हम वो लोग हैं जो कैलेंडर की तारीखों के हिसाब से उस फौजी को याद करते हैं हमारा राष्ट्रप्रेम किश्तों में बाहर निकलता है।
एक सैनिक का सरहद पर खड़ा होना जितना मुश्किल होता है  उतना ही मुश्किल उसके घर का जीवन गाँव में होता है ! हमें सरहद की तस्वीर में एक सैनिक तो नजर आ जाता है मगर एक पिता, एक माँ, एक बीवी और स्कूल जाते अकेले बच्चे कभी नजर नहीं आते जो हर पल संघर्ष कर रहे होते है ! हम हर साल कैलेंडरों की उन तारीखों पर फ़िर चाहे वो १५ अगस्त हो , २६ जनवरी हो या कारगिल का विजय दिवस, उन फौजियों को याद करते हैं , पर हम कहीं न कहीं उनके परिवारों को भूल जातें हैं।
एक जवान जब भी सेना में जाता है वो कभी अकेला नहीं जाता, उसका पूरा परिवार उसके साथ होता है !
एक जवान ठण्ड में अकेला नहीं सिकुड़ता उसका पूरा परिवार उसके साथ सिकुड़ता होता है !
एक जवान सरहद पर अकेला नहीं लड़ता उसका पूरा परिवार उसके साथ लड़ता होता है !
एक जवान सरहद पर गोली अकेला नहीं खाता उसका पूरा परिवार उसके साथ गोली खाता है !
एक जवान देश के लिए कभी अकेला नहीं मरता, उसका पूरा परिवार मरता है.... पूरा परिवार