राजनीती की एक रोटी...

राजनीती की एक रोटी
पहले से गोलाई को तड़पती 
मौसम दर मौसम सिकुड़ती
कब पकेगी 
कैसे पकेगी 
कौन पकाएगा 
हर पल सोचती...बस सोचती... और सोचती...
कल तक थे कुछ साथ 
बिना किसी शर्त के 
मगर आज लगी एक अजीब नजर है 
किसी की 
ब्रेकअप - पैचअप 
प्रपोजल - डाईवार्स 
सब कुछ होने लगा है 
इनके बीच
आज की सी विनाश्नीति में 
और अब फसी है 
एक बेचारी ‘रोटी’ यहाँ 
“राजनीती” की 
‘तवे’ के इन्तजार में
कहा सिके 
कैसे सिके 
कौन सेके... 
एक अजीब होड़ मची है 
कल तक उसके तवे में सेक रहे थे 
आज इनका तवा गर्म दिखा है 
यहाँ सेक रहे है 
कल किसी और का दिखेगा 
वहाँ सेक लेगे
इसी होड़ में 
हा बस इसी होड़ में वो 
ये भूल गए 
की तेज आंच में तवा गर्म होकर 
रोटी जला भी देता है... tongue emoticon
‪#‎YugalVani‬