जंग... जारी है सबकी

जंग,
जारी है सबकी
किसी की जिंदगी से तो
किसी की शर्मिंदगी  से
किसी की खुद से तो
किसी की खुदा से
किसी की जबाब से तो
किसी की सवाल से
मगर जंग
जंग जारी है सबकी
युवा की, विधवा की
साधू की, साध्वी की,
मालिक की, नाबालिक की
पिता की, पति की
सबकी
जंग जारी है सबकी
कभी कुरान से, तो  कभी इमाम से,
कभी भगवान से तो कभी शैतान से
कभी मेंहमान से, तो कभी मेजमान से,
सबसे
जंग जारी है सबकी...
हौसलों की सांसो है
हिम्मत का एहसास है
जिंदगी का सपना है
खुशियों का महकना है
बस यही सब अपना है
इसीलिए
जंग जारी है सबकी...
कुछ जीत जाते है
कुछ हार जाते है
मगर
जिंदगी की इस जंग का
'युगल' अब भी
हारा नहीं, मिटा नहीं
बस थक गया है...
विजय रूपी अंकुर'ण के लिए
जारी है सबकी...
#YugalVani